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मानव स्वभाव के अनुरूप कार्य (सुनन अल-फ़ित्रह)
विवरण: यह पाठ स्वच्छता के स्वाभाविक कार्यों के बारे मे बताएगा जो मानव स्वभाव के लिए सहज है।
द्वारा Imam Mufti (© 2013 NewMuslims.com)
प्रकाशित हुआ 08 Nov 2022 - अंतिम बार संशोधित 07 Nov 2022
प्रिंट किया गया: 8 - ईमेल भेजा गया: 0 - देखा गया: 621 (दैनिक औसत: 2)श्रेणी: पाठ > इस्लामी जीवन शैली, नैतिकता और व्यवहार > सामान्य नैतिकता और व्यवहार
उद्देश्य:
· "सुनन उल-फ़ित्रह" का अर्थ जानना।
· छह "सुनन उल-फ़ित्रह" को विस्तार से जानना।
अरबी शब्द:
· फ़ित्रह - सहज मानव स्वभाव।
· हदीस - (बहुवचन - हदीसें) यह एक जानकारी या कहानी का एक टुकड़ा है। इस्लाम में यह पैगंबर मुहम्मद और उनके साथियों के कथनों और कार्यों का एक वर्णनात्मक रिकॉर्ड है।
· वाजिब - अनिवार्य।
· नमाज - आस्तिक और अल्लाह के बीच सीधे संबंध को दर्शाने के लिए अरबी का एक शब्द। अधिक विशेष रूप से, इस्लाम में यह औपचारिक पाँच दैनिक प्रार्थनाओं को संदर्भित करता है और पूजा का सबसे महत्वपूर्ण रूप है।
· सुन्नत - अध्ययन के क्षेत्र के आधार पर सुन्नत शब्द के कई अर्थ हैं, हालांकि आम तौर पर इसका अर्थ है जो कुछ भी पैगंबर ने कहा, किया या करने को कहा।
सुनन अल-फ़ित्रह क्या है
सुनन अल-फ़ित्रह है:
· स्वाभाविक कार्य हैं, जिसके अनुरूप अल्लाह ने इंसानों को बनाया और उनको पालन करने का आदेश दिया। ये स्वाभाविक और जन्मजात होते हैं।
· ये वो कार्य भी हैं जिसका सभी पैगंबरो ने पालन किया और करने को सिखाया। अल्लाह हमें पैगंबरो के मार्गदर्शन का पालन करने की आदेश देता है, 'उन्हीं के मार्गदर्शन पर चलें' (क़ुरआन 6:90)।
इन प्रथाओं का पालन करने से शरीर की सफाई होती है और धूल और गंदगी साफ होती है। ये मनुष्यों का सम्मान बढ़ाते हैं और पैगंबर की निम्नलिखित दो हदीसों में सूचीबद्ध हैं:
“पांच प्राकृतिक प्रथाओं से हैं: खतना, गुप्तांग के बाल को शेव करना, मूंछों को छोटा करना, नाखूनों को काटना और बगल के बालों को उखाड़ना।”[1]
“दस प्राकृतिक प्रथाओं से हैं: मूंछें काटना, दाढ़ी को बढ़ने देना, टूथ-स्टिक का उपयोग करना, नाक में पानी डालना, नाखून काटना, पोर और उंगली के जोड़ों को धोना, बगल के बालों को उखाड़ना, गुप्तांग के बालो को शेव करना, अपने गुप्तांग को (पेशाब के बाद) साफ करने के लिए पानी का इस्तेमाल करना। वर्णनकर्ता ने कहा: 'मैं दसवां भूल गया हूं, यदि वह कुल्ली करना न हो।’[2]
कुछ सुनन उल-फ़ित्रह के बारे में विस्तार से
1. खतना
पुरुषों के लिए, यह पुरुष के लिंग को ढकने वाली ढीली चमड़ी को हटाने को संदर्भित करता है। खतना किसी के लिंग पर गंदगी को जमने से रोकता है, और उसे साफ रखना भी आसान बनाता है। एक खतनारहित लिंग मे जलन, संक्रमण, फिमोसिस, पैराफिमोसिस, पेनाइल कैंसर, पेनाइल के घाव और यौन मस्से हो सकते हैं।
महिलाओं के लिए, यह भगशेफ के एक मामूली बाहरी हिस्से को काटने को संदर्भित करता है और इसकी आवश्यकता नहीं है, फिर भी कुछ मुस्लिम देशों में, विशेष रूप से अफ्रीका में ऐसा किया जाता है।
बच्चे के जन्म के 7 वें दिन खतना करने की सलाह दी जाती है। हालांकि इसके बाद कभी भी इसकी अनुमति है। खतना कम उम्र में किया जाना बेहतर होता है क्योंकि यह जल्दी ठीक हो जाता है। यौवन की आयु तक पहुंचने पर खतना आवश्यक क्योंकि तब वुज़ू और नमाज अनिवार्य (वाजिब) हो जाता है। पैगंबर मुहम्मद ने कहा,
“इब्राहिम ने अस्सी वर्ष की आयु के बाद अपना खतना किया।”[3]
“फिर हमने (ऐ पैगंबर!) आपकी और वह़्यी की कि एकेश्वरवादी इब्राहीम के धर्म का अनुसरण करो और वह मिश्रणवादियों में से नहीं था।’” (क़ुरआन 16:123)
यदि किसी नए मुसलमान के लिए खतना करना मुश्किल है क्योंकि वह बड़ा हो गया है, तो उसे मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। वयस्क खतना मूत्र रोग विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है, इसकी लागत लगभग 1500 डॉलर होती है और उपचार की अवधि एक सप्ताह से दो सप्ताह तक होती है।
मृत्यु के बाद किसी का भी खतना नहीं करना है।
2. गुप्तांग के बालो को शेव करना और बगल के बालों को उखाड़ना
गुप्तांग के बालो को शेव किया जा सकता है, ट्रिम किया जा सकता है या उखाड़ा जा सकता है। गुप्तांग के बालो को काटना एक सुन्नत है जिसे सभी मुस्लिम विद्वानों ने स्वीकार किया है। गुप्तांग के बालो को शेव करना भी सुन्नत है, लेकिन अन्य तरीको की भी अनुमति है। दूसरे शब्दों में, शेव करना अच्छा है, लेकिन बालों को हटाने के अन्य सभी तरीकों की अनुमति है।
पैगंबर ने बालों को हटाने के लिए अधिकतम दिनों की संख्या 40 निर्धारित की। यदि वे 40 दिन से पहले बहुत बड़े हो जाते हैं, तो उन्हें हटा देना चाहिए।
3. हांथो और पैरों के नाखून काटना
यह पुरुषों और महिलाओं के लिए सुन्नत है। इसका उद्देश्य नाखूनों के नीचे की गंदगी को हटाना है और यह भी कि वे जानवरों के पंजों से मिलते जुलते न हों। एक मुस्लिम महिला को भी हर 40 दिनों में अपने हाथों और पैरों के नाखून काटने चाहिए क्योंकि यह उसके जन्मजात मानव स्वभाव के करीब है।
4. बगल के बालों को उखाड़ना
बालों को उखाड़ना सुन्नत है, हालांकि शेविंग की अनुमति है क्योंकि इसका उद्देश्य स्वच्छता है।
5. मूछों को छोटा काटना
मूंछों को छोटा रखना सुन्नत है। यह किनारों को ट्रिम करके किया जा सकता है ताकि होंठ दिखाई दे या इसे हर जगह से हल्का ट्रिम कर दें।
गुप्तांग के बालों को काटना, बगल के बालों को उखाड़ना, नाखूनों को काटना और मूंछों को ट्रिम करना साप्ताहिक आधार पर पसंद किया जाता है, यह एक ऐसा अभ्यास है जो सबसे स्वच्छ है। यदि शरीर पर कुछ अनावश्यक बाल अधिक समय तक रह जाते हैं, तो यह व्यक्ति को परेशान कर सकता है। कोई इस काम को चालीस दिनों के लिए छोड़ सकता है, लेकिन उससे अधिक नही।
6. दाढ़ी बढ़ाना और उसे घना होने देना
कुछ लोगों की धारणा के विपरीत, दाढ़ी एक प्राकृतिक चीज है और पूरी दाढ़ी का मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति गन्दा या अस्वस्थ है। पैगंबर ने कहा,
‘बहुदेववादियों का विरोध करो और दाढ़ी बढ़ाओ और मूंछें काट दो।’[4]
‘बहुदेववादियों का विरोध करो, मूंछें काटो और दाढ़ी बढ़ाओ।’[5]
‘मूंछें काटो और दाढ़ी बढ़ने दो, और मगिआनों का विरोध करो।’[6]
इन हदीसों से संकेत मिलता है कि दाढ़ी रखना अनिवार्य (वाजिब) है और इसके दो लाभ हैं:
ए. आम तौर पर दाढ़ी नहीं रखने वाले बहुदेववादियों का विरोध करना।
बी. यह स्वाभाविक मानव प्रवृत्ति (फ़ित्रह) के अनुरूप है जिस पर अल्लाह ने इंसानों को बनाया है।
मुस्लिम के लिए "पूरी दाढ़ी" (जबड़े और ठुड्डी पर बाल) रखना वाजिब (अनिवार्य) है।
अगला पाठ:
ईद-उल-अजहा शुरू से आखिर तक (3 का भाग 1)
पिछला पाठ:
शरिया का परिचय (2 का भाग 2)
इसके अलावा आप यहां उपलब्ध लाइव चैट के माध्यम से भी पूछ सकते हैं।
- स्वैच्छिक प्रार्थना
- जानवरों के प्रति व्यवहार
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