न्यू मुस्लिम ई-लर्निंग साइट में आपका स्वागत है। यह नए मुस्लिम धर्मान्तरित लोगों के लिए है जो अपने नए धर्म को आसान और व्यवस्थित तरीके से सीखना चाहते हैं। इसमे पाठों को स्तरों के अंतर्गत संयोजित किए गया है। तो पहले आप स्तर 1 के तहत पाठ 1 पर जाएं। इसका अध्ययन करें और फिर इसकी प्रश्नोत्तरी करें। जब आप इसे पास कर लें तो पाठ 2 वगैरह पर आगे बढ़ें। शुभकामनाएं।
आपको पंजीकरण करने की सलाह दी जाती है ताकि आपके प्रश्नोत्तरी ग्रेड और प्रगति को सेव किया जा सकें। इसलिए पहले यहां पंजीकरण करें, फिर स्तर 1 के अंतर्गत पाठ 1 से शुरू करें और वहां से अगले पाठ की ओर बढ़ें। अपनी सुविधा अनुसार पढ़ें। जब भी आप इस साइट पर वापस आएं, तो बस "मैंने जहां तक पढ़ा था मुझे वहां ले चलें" बटन (केवल पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध) पर क्लिक करें।
भोजन करना – इस्लामी तरीका (2 का भाग 1)
विवरण: भोजन करने का शिष्टाचार।
द्वारा Aisha Stacey (© 2012 NewMuslims.com)
प्रकाशित हुआ 08 Nov 2022 - अंतिम बार संशोधित 07 Nov 2022
प्रिंट किया गया: 5 - ईमेल भेजा गया: 0 - देखा गया: 591 (दैनिक औसत: 2)श्रेणी: पाठ > इस्लामी जीवन शैली, नैतिकता और व्यवहार > आहार कानून
उद्देश्य
· जीवन के समग्र तरीके के रूप में इस्लाम की सराहना करना और भोजन करने जैसा छोटा कार्य भी पूजा का एक पुरस्कृत कार्य बन सकता है।
· भोजन करने के इस्लामी शिष्टाचार यानी खाने से पहले और खाने के दौरान की जाने वाली क्रियाओं को सीखना।
अरबी शब्द
· सुन्नत - अध्ययन के क्षेत्र के आधार पर सुन्नत शब्द के कई अर्थ हैं, हालांकि आम तौर पर इसका अर्थ है जो कुछ भी पैगंबर ने कहा, किया या करने को कहा।
इस्लाम केवल एक धर्म नहीं है, यह जीवन जीने का एक तरीका है; संपूर्ण मानव जाति के लाभ के लिए हमारे निर्माता द्वारा बनाया गया एक समग्र दृष्टिकोण। इस्लाम की व्यापकता प्रार्थना से लेकर सोने तक, धोने से लेकर काम करने तक, जीवन के हर पहलू को पूजा का कार्य बना देती है। छोटे से लेकर बड़ा, हर काम अनगिनत पुरस्कार अर्जित कर सकता है, बस व्यक्ति का हर विचार और कार्य अल्लाह की ख़ुशी के लिए होना चाहिए।
जब अल्लाह ने दुनिया की रचना की तो उसने चीजों को नहीं चलाया, उसने हमें हमारे अपने इरादों पर छोड़ दिया; इसके विपरीत उसने हमारे पास मार्गदर्शन भेजा। यह मार्गदर्शन क़ुरआन और पैगंबर मुहम्मद (उन पर अल्लाह की दया और आशीर्वाद हो) की सुन्नत के रूप में आया है। मार्गदर्शन के इन दो स्रोतों के बीच हमें नियम और विनियम, और अधिकार और जिम्मेदारियां मिलेंगी जो हमें किसी भी स्थिति से निपटने में सहायता करती है। इस पाठ में हम भोजन करने के इस्लामी शिष्टाचार के बारे में जानेंगे।
जीवन की दैनिक दिनचर्या में सभी कार्यों को सिर्फ अल्लाह की स्तुति के लिए और उसको खुश करने के लिए करें, इससे ये सभी कार्य पूजा के कार्य बन जायेंगे। हां, भोजन करना भी; इसका एक शिष्टाचार है जो इसे एक सांसारिक कार्य से पूजा के एक पुरस्कृत कार्य में बदल देता है। इसके बारे में सोचो। भोजन हमारे दैनिक जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खरीदना, रखना, भोजन बनाना, भोजन करना और सफाई करना - इन सभी में बहुत समय, प्रयास और पैसा लगता है। भोजन करने से संचित पुरस्कार एक भरे हुए पेट या बढ़ी हुई कमर की तुलना में असंख्य और अधिक महत्वपूर्ण हो सकता है।
भोजन करने के शिष्टाचार में खाने से पहले, खाने के दौरान और खाने के बाद की क्रियाएं शामिल हैं।
स्वच्छता
एक पुरानी पश्चिमी कहावत है - स्वच्छता ईश्वरीयता के बगल में है और इस्लाम स्वच्छता पर बहुत जोर देता है। जिस तरह एक मुसलमान नमाज़ में अल्लाह की ओर मुड़ने से पहले अपने शरीर को शुद्ध करता है, उसे अपने आस-पास की स्वच्छता पर भी ध्यान देना चाहिए।
निश्चय अल्लाह पश्चाताप करने वालों तथा पवित्र रहने वालों से प्रेम करता है।” (क़ुरआन 2:222)
इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि भोजन तैयार करने का क्षेत्र और भोजन को छूने वाले हाथ साफ रखे जाएं। गंदी परीस्थितियां बीमारी और खराब स्वास्थ्य का कारण बनती हैं। यदि आपने भोजन नही बनाया है तो भी आपके लिए ये महत्वपूर्ण है कि खाने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें।
अल्लाह का नाम लें
एक मुसलमान को हर काम की शुरुआत, यहां तक कि भोजन करने की भी शुरुआत, ईश्वर का नाम लेकर करनी चाहिए। कहना चाहिए:
“बिस्मिल्लाह” इसका का अर्थ है “मैं अल्लाह के नाम से शुरू करता हूं"।
“जब आप में से कोई भोजन करे, तो उसे अल्लाह का नाम लेना चाहिए; अगर वह शुरुआत में अल्लाह का नाम लेना भूल जाता है, तो उसे कहना चाहिए:
“बिस्मिल्लाही फी अव्वलिही वा आखिरीही”
“मैं शुरुआत में और अंत में (यानी इस भोजन को) अल्लाह के नाम से शुरू किया।”[1]
दाहिने हाथ से खाना-पीना
यदि बीमारी या चोट न हो तो मुसलमानों के लिए दाहिने हाथ से भोजन करना अनिवार्य है। बाएं हाथ का उपयोग आमतौर पर शरीर से गंदगी और अशुद्धियों को साफ करने के लिए किया जाता है, जबकि दाहिने हाथ का उपयोग खाने के लिए, दूसरे व्यक्ति को कुछ देने के लिए और हाथ मिलाने के लिए किया जाता है। पैगंबर मुहम्मद ने हमें अपनी सुन्नत में भी बताया था कि शैतान अपने बाएं हाथ से खाता है इसलिए विश्वासियों को ऐसी किसी भी चीज़ से बचना चाहिए जिससे वे शैतान के समान हों।
पैगंबर मुहम्मद ने कहा, जब आप में से कोई भी भोजन करे, तो उसे अपने दाहिने हाथ से खाना चाहिए, और जब वह पीना चाहे तो उसे अपने दाहिने हाथ से पीना चाहिए, क्योंकि शैतान अपने बाएं हाथ से खाता है और अपने बाएं हाथ से पीता है।[2]
“जब मैं अल्लाह के दूत की देखरेख में एक छोटा लड़का था, तो मेरा हाथ भोजन की पूरी थाली पर जाता था। अल्लाह के दूत ने मुझसे कहा, 'ऐ जवान लड़के, बिस्मिल्लाह (मैं अल्लाह के नाम से शुरू करता हूं) कहो, अपने दाहिने हाथ से खाओ, और जो तुम्हारे सामने है उसमे में खाओ'।”[3]
अपने हाथ से भोजन करना पैगंबर मुहम्मद और उनके साथियों का अनुकरण करने का एक तरीका है, और इसलिए एक अनुशंसित और पुरस्कृत कार्य है, हालांकि, कांटे, चम्मच और चाकू का उपयोग निषिद्ध नहीं है।
शिष्टाचार
ऐसी स्थिति में जहां हर कोई एक समान्य थाली या परोसने वाले बर्तन से खाता है, अपने सामने वाले बर्तन से खाना लेना अच्छा शिष्टाचार माना जाता है। दूसरों के सामने रखे बर्तन तक पहुंचना या सबसे स्वादिष्ट भोजन को तलाशना आपके साथ खाने वाले साथियों को असहज कर सकता है और आपको अकृतज्ञ या लालची दिखा सकता है।
यह इस्लाम का शिष्टाचार है कि मेहमानों को सबसे अच्छा भोजन और समय पर भोजन देकर उनका सम्मान किया जाए। तब मेहमान भोजन कर के और भोजन की प्रशंसा कर के मेजबान के लिए आशीर्वाद की प्रार्थना कर सकता है। अपने मेजबान के लिए एक बहुत ही सुखद प्रार्थना निम्नलिखित है:
“अल्लाहुम्मा बारिक लहुम फ़ीमा रज़क़तहुम, वग़फिर लहुम वरहमहुम”
“ऐ अल्लाह, जो कुछ तुमने उन्हें दिया है उसमें उन्हें आशीर्वाद दो, और उन्हें क्षमा करो और उन पर दया करो।“[4]
भोजन की आलोचना करना गलत है, बल्कि बेहतर यही है कि जो कुछ भी आपको पसंद नहीं है उसे न खाएं। उम्म हुफैद ने पैगंबर मुहम्मद को मक्खन (घी), पनीर और कुछ छिपकलियों का व्यंजन परोसा। पैगंबर ने शुद्ध मक्खन और पनीर में से खाया, लेकिन छिपकली का व्यंजन नही खाया।[5]
इस्लाम में निहित अच्छे शिष्टाचार से यह भी संकेत मिलता है कि किसी व्यक्ति को खाना खाते समय थूकना या नाक छिड़कना नहीं चाहिए और न ही उसे भोजन करते समय सहारा ले कर बैठना चाहिए।
अगला पाठ:
भोजन करना – इस्लामी तरीका (2 का भाग 2)
पिछला पाठ:
सुन्नत का संरक्षण (4 का भाग 4)
इसके अलावा आप यहां उपलब्ध लाइव चैट के माध्यम से भी पूछ सकते हैं।
- क़ुरआन के लिए शुरुआती मार्गदर्शक (3 का भाग 1)
- क़ुरआन के लिए शुरुआती मार्गदर्शक (3 का भाग 2)
- क़ुरआन के लिए शुरुआती मार्गदर्शक (3 का भाग 3)
- हदीस और सुन्नत के लिए शुरुआती मार्गदर्शक
- नमाज़ का महत्व
- नमाज़ के पूर्व-आवश्यकताएँ
- इस्लाम मे स्वच्छता
- स्नान (घुस्ल)
- अंगशुद्धि (वुज़ू)
- दो रकाअत नमाज़ पढ़ना
- तीन रकाअत नमाज़ पढ़ना
- चार रकाअत नमाज़ पढ़ना
- नमाज़ के सामान्य बिंदु
- एक मुसलमान के जीवन का एक दिन (2 का भाग 1): जागने से लेकर देर सुबह तक
- एक मुसलमान के जीवन का एक दिन (2 का भाग 2): दोपहर से ले कर सोने तक
- गैर-मुस्लिमों का भाग्य
- पश्चाताप (3 का भाग 1): मोक्ष का द्वार
- पश्चाताप (3 का भाग 2): पश्चाताप की शर्तें
- पश्चाताप (3 का भाग 3): पश्चाताप की प्रार्थना
- क्या हम अल्लाह को देख सकते हैं?
- सुन्नत का संरक्षण (4 का भाग 1)
- सुन्नत का संरक्षण (4 का भाग 2)
- सुन्नत का संरक्षण (4 का भाग 3)
- सुन्नत का संरक्षण (4 का भाग 4)
- भोजन करना – इस्लामी तरीका (2 का भाग 1)
- भोजन करना – इस्लामी तरीका (2 का भाग 2)
- क़ुरआन की सबसे महानतम आयत की सरल व्याख्या: आयतुल कुर्सी
- मोज़े के ऊपर से पोंछना, छूटी हुई प्रार्थना पूरी करना, और एक यात्री की प्रार्थना
- शकुन
- टोटका और ताबीज