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ज्योतिष और भविष्यवाणी

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विवरण: यह पाठ ज्योतिष और भविष्यवाणी और उन पर इस्लामी आदेश की व्याख्या करेगा।

द्वारा Imam Mufti (© 2016 NewMuslims.com)

प्रकाशित हुआ 08 Nov 2022 - अंतिम बार संशोधित 07 Nov 2022

प्रिंट किया गया: 18 - ईमेल भेजा गया: 0 - देखा गया: 1,275 (दैनिक औसत: 2)


उद्देश्य

·विभिन्न प्रकार की सामान्य भविष्यवाणियों के बारे में जानना।

·भविष्यवाणी में जिन्न की भूमिका को समझना।

·भविष्य बताने वालो के पास जाना और उन पर विश्वास करने की गंभीरता को समझना।

·ज्योतिष और राशिफल और उन पर इस्लामी आदेश के बारे में जानना।

अरबी शब्द

·जिन्न - अल्लाह की एक रचना जो मानवजाति से पहले धुआं रहित आग से बनाई गई थी। उन्हें कभी-कभी आत्मा, बंशी, पोल्टरजिस्ट, प्रेत आदि के रूप में संदर्भित किया जाता है।

·शिर्क - एक ऐसा शब्द जिसका अर्थ है अल्लाह के साथ भागीदारों को जोड़ना, या अल्लाह के अलावा किसी अन्य को दैवीय बताना, या यह विश्वास करना कि अल्लाह के सिवा किसी अन्य में शक्ति है या वो नुकसान या फायदा पहुंचा सकता है।

·कुफ्र - अविश्वास।

·तौहीद - प्रभुत्व, नाम और गुणों के संबंध में और पूजा की जाने के अधिकार में अल्लाह की एकता और विशिष्टता।

Astrology-and-Fortune-telling.jpgजो लोग इन 'कलाओं' का अभ्यास करते हैं, उन्हें अक्सर भाग्य बताने वाला, भविष्य बताने वाला, भविष्यवक्ता, दैवज्ञ, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद् कहा जाता है। वे अक्सर भविष्य के ज्ञान का दावा करते हैं और विभिन्न तरीकों और माध्यमों का उपयोग करते हैं जिनसे वे अपनी जानकारी निकालने का दावा करते हैं, जैसे चाय की पत्तियों को पढ़ना, रेखाएं खींचना, संख्याएं लिखना, हांथ पढ़ना, कुंडली बनाना, क्रिस्टल बॉल देखना, हड्डियों को खड़खड़ाना, और डंडियां फेंकना।

क्या वे वास्तव में जानते हैं कि वे क्या दावा कर रहे हैं?

1. उनमें से कुछ को वास्तविक ज्ञान नहीं है। वे अर्थहीन अनुष्ठानों की एक श्रृंखला करते हैं और फिर गणना कर के सामान्य अनुमान लगाते हैं। उनके कुछ अनुमान सच्चाई से मेल खा सकते हैं। लोग उन कुछ भविष्यवाणियों को याद करते हैं जो सच हो जाती हैं और कई के बारे में भूल जाते हैं जो सच नही होती है।

2. एक अन्य समूह का संपर्क जिन्न से होता है। इसमें आमतौर पर शिर्क का गंभीर पाप शामिल होता है, और इसमें शामिल लोग अपनी जानकारी में अधिक सटीक होते हैं।

जिन्न की भूमिका

पाप और अविश्वास में अपने मानवीय भागीदारों की सहायता करने के लिए धर्म में निषिद्ध अनैतिक कृत्यों को करके दुष्ट जिन्न को अक्सर बुलाया जा सकता है। भविष्य बताने वाले जब जिन्न से संपर्क करते हैं, तो जिन्न उन्हें भविष्य में होने वाली कुछ घटनाओं के बारे में बता सकता है। पैगंबर (उन पर अल्लाह की दया और आशीर्वाद हो) ने बताया कि कैसे जिन्न भविष्य के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं। उन्होंने बताया कि जिन्न सबसे निचले आसमान तक पहुंच कर भविष्य के बारे में कुछ सूचनाओं को सुनते थे, जिसके बारे मे स्वर्गदूत आपस में बाते करते थे। फिर वे पृथ्वी पर लौट आते और अपने मानवीय संपर्कों को जानकारी देते (बुखारी)। इससे यह स्पष्ट होता है कि जिन्नों को भविष्य का ज्ञान नहीं है, बल्कि वे स्वर्गदूतों से सुनी हुई बातों को सुन लेते हैं; वास्तव में, स्वर्गदूतों को भी स्वयं इसका कोई ज्ञान नहीं होता है जब तक कि अल्लाह उन्हें इसके बारे में न बताये।

जिन्न एक अन्य प्रणाली के माध्यम से अपने मानवीय संपर्क को भविष्य की सुचना देने में भी सक्षम हैं। जब कोई भविष्य बताने वाले के पास जाता है, तो भविष्य बताने वाले का जिन्न उस आदमी के क़रीन (हर इंसान पर रखा गया जिन्न) से जानकारी लेता है कि उसने अपने आने से पहले क्या योजनाऐं बनाई थीं। तो भविष्य बताने वाला उसे बता सकता है कि वह यह करेगा या वह करेगा, या इधर जाएगा या उधर जाएगा। इस पद्धति से, वास्तविक ज्योतिषी भी एक अजनबी के अतीत के बारे में विशद विस्तार से जानने में सक्षम होता है। वह उसके माता-पिता के नाम, उसका जन्म कहां हुआ था, और उसके बचपन के बारे में कुछ आश्चर्यचकित करने वाली बाते बता सकता है।

भविष्य बताने वालों के पास जाना

पैगंबर ने ऐसे सिद्धांत निर्धारित किए जो स्पष्ट रूप से भविष्य बताने वालो के पास जाने से मना करते हैं। उन्होंने कहा:

“जो कोई भविष्य बताने वाले के पास जाता है और उससे कुछ भी पूछता है, उसकी प्रार्थना 40 दिन और रात के लिए स्वीकार नहीं की जाएगी।” (मुस्लिम)

यह सजा है सिर्फ किसी भविष्य बताने वाले के पास जाकर और उससे जिज्ञासावश सवाल पूछने की।

भाग्य बताने वालों पर विश्वास करना

जो कोई भी भविष्य बताने वाले के पास यह मानते हुए जाता है कि वह अनदेखे और भविष्य को जानता है, उसने कुफ्र (अविश्वास) किया है। पैगंबर ने कहा:

“जो कोई भविष्य बताने वाले के पास जाता है और जो वह कहता है उस पर विश्वास करता है, उसने उस पर अविश्वास किया है जो मुहम्मद पर प्रकट हुआ था।” (अबू दाऊद)

सिर्फ अल्लाह के पास ही अनदेखी और भविष्य के बारे मे जानने का गुण है, और भविष्य बताने वाले मनुष्य पर इस तरह का विश्वास करके आप अल्लाह के गुणों को किसी ओर का बनाते हैं।

यही बात उन सभी पर भी लागू होती है जो भविष्य बताने वालो की किताबें और लेख पढ़ते हैं, उन्हें इंटरनेट, रेडियो या टीवी पर सुनते हैं।

दुनिया भर में आकाशवाणी, ज्योतिषियों और इसी तरह की इस्तेमाल की जाने वाली सभी विभिन्न विधियों को मुसलमानों के लिए मना किया गया है।

हांथ की रेखा पढ़ना, आई-चिंग, फॉर्च्युन कुकी, चाय की पत्तियों के साथ-साथ राशि चक्र के संकेत और बायो-रिदम कंप्यूटर प्रोग्राम उन सभी लोगों को बताने का दावा करते हैं जो उन पर विश्वास करते हैं। हालांकि, अल्लाह ने स्पष्ट शब्दों मे कहा है कि सिर्फ वह ही भविष्य जानता है:

“निःसंदेह, अल्लाह ही के पास है प्रलय का ज्ञान, वही उतारता है वर्षा और जानता है जो कुछ गर्भाशयों में है और नहीं जानता कोई प्राणी कि वह क्या कमायेगा कल और नहीं जानता कोई प्राणी कि किस धरती में मरेगा। वास्तव में, अल्लाह ही सब कुछ जानने वाला, सबसे सूचित है।”(क़ुरआन 31:34)

ज्योतिष

ज्योतिष सितारों की चाल और लोगों और घटनाओं पर उनके प्रभाव के बीच संबंधों का अध्ययन है।

हाल के वर्षों में ज्योतिष नाटकीय रूप से फैल गया है। किताबें, पत्रिकाएं और समाचार पत्र विभिन्न शीर्षकों के तहत प्रकाशित होते हैं, जैसे आपके लिए सितारों में क्या है?

एक सच्चे मुसलमान को ज्योतिष से दूर रहना चाहिए क्योंकि यह सितारों, ग्रहों और पृथ्वी पर होने वाली घटनाओं के बीच के संबंध को मानता है जिसके द्वारा भविष्य की भविष्यवाणी की जा सकती है। यह अनुमानों के आधार पर अनदेखी के ज्ञान का दावा करता है जबकि ऐसा ज्ञान सिर्फ अल्लाह के पास है। सितारों और ग्रहों का उपयोग सुख, दुख, जीवन या मृत्यु के संकेतक के रूप में नहीं किया जा सकता है। महान अल्लाह क़ुरआन मे कहता है:

"वह ग़ैब (परोक्ष) का ज्ञानी है, अतः, वह अवगत नहीं कराता है अपने परोक्ष पर किसी को। सिवाये दूत के, जिसे उसने प्रिय बना लिया है, फिर वह लगा देता है उस वह़्यी के आगे तथा उसके पीछे रक्षक।" (क़ुरआन 72:26-27)

ज्योतिष में विश्वास और कुंडली का निर्माण इस्लामी शिक्षाओं के स्पष्ट विपरीत है। दोनों भविष्य के ज्ञान का दावा करते हैं। ज्योतिषी का दावा तौहीद के बिल्कुल विपरीत है जैसा कि सामान्य ज्योतिषी का है। उनका दावा है कि लोगों के व्यक्तित्व सितारों द्वारा निर्धारित होते हैं, और उनके भविष्य के कार्यों और उनके जीवन की घटनाओं को सितारों में लिखा जाता है। साधारण भविष्य बताने वाले का दावा है कि प्याले के नीचे चाय की पत्तियों का बनना या हथेली में रेखाएं उसे यही बात बताती हैं। दोनों ही मामलों में व्यक्ति अनदेखे के ज्ञान बताने के लिए निर्मित वस्तुओं के भौतिक निर्माण को पढ़ने की क्षमता का दावा करते हैं।

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