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स्वैच्छिक उपवास

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विवरण: इस पाठ में स्वैच्छिक या नफ्ल उपवास की मूल बातें सिखाई जाएंगी।

द्वारा Imam Mufti (© 2013 NewMuslims.com)

प्रकाशित हुआ 08 Nov 2022 - अंतिम बार संशोधित 07 Nov 2022

प्रिंट किया गया: 22 - ईमेल भेजा गया: 0 - देखा गया: 1,216 (दैनिक औसत: 3)


उद्देश्य

·नफ़्ल और फ़र्ज़ नमाज़ में फर्क समझना।

·सबसे महत्वपूर्ण नफ्ल उपवास जानना।

·अनिवार्य उपवासों (जैसे रमजान) और स्वैच्छिक उपवासों के बीच महत्वपूर्ण अंतर जानना।

अरबी शब्द

·नफ्ल - पूजा का एक स्वैच्छिक कार्य

·मुहर्रम, शाबान, रमजान, शव्वाल, ज़िल-हिज्जा - ये कुछ महत्वपूर्ण इस्लामी महीनों के नाम हैं। मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है, शाबान आठवां, रमजान नौवां, शव्वाल दसवां और ज़िल-हिज्जा 12वां।

·यौम उल-अराफा - अराफा का दिन वो है जब तीर्थयात्री अराफा नामक स्थान पर इकट्ठा होते हैं।

·आशूरा - इस्लामी महीने मुहर्रम का 10वां दिन।

·ईद - त्योहार या उत्सव। मुसलमान दो प्रमुख धार्मिक अवकाश मनाते हैं, जिन्हें ईद-उल-फितर (जो रमजान के बाद आता है) और ईद-उल-अज़हा (जो हज के समय होता है) कहा जाता है।

·फ़र्ज़ - एक अनिवार्य कर्तव्य।

·फज्र - सुबह की नमाज़।

·हदीस - (बहुवचन - हदीसें) यह एक जानकारी या कहानी का एक टुकड़ा है। इस्लाम में यह पैगंबर मुहम्मद और उनके साथियों के कथनों और कार्यों का एक वर्णनात्मक रिकॉर्ड है।

·हज - मक्का की तीर्थयात्रा, जहां तीर्थयात्री अनुष्ठानों की एक श्रृंखला का पालन करते हैं। हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है, जिसे हर वयस्क मुसलमान को अपने जीवन में कम से कम एक बार अवश्य करना चाहिए यदि वे इसे वहन कर सकते हैं और शारीरिक रूप से सक्षम हैं।

·रकात - प्रार्थना की इकाई।

·रमजान - इस्लामी चंद्र कैलेंडर का नौवां महीना। यह वह महीना है जिसमें अनिवार्य उपवास निर्धारित किया गया है।

VoluntaryFasts.jpgसबसे पहले काम फ़र्ज़ और नफ्ल के बीच का अंतर समझना है। फ़र्ज़ अनिवार्य है, और अल्लाह ने हमें इसे करने का आदेश दिया है, और इसे छोड़ना पाप है और इसके लिए हमें जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इसका एक उदाहरण फज्र की दो रकात नमाज़ और रमजान के उपवास हैं।

नफ्ल का शाब्दिक अर्थ है 'अतिरिक्त'। मुसलमान को नफ्ल पूजा करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति पर निर्भर है कि वह इसे करे या न करे। यह वैकल्पिक और स्वैच्छिक है। यदि मुसलमान नफ्ल नही करता है तो उसे पाप नही होगा, लेकिन अगर करता है तो उसे पुरस्कृत किया जायेगा। इसलिए नफ्ल पूजा करने की सलाह दी जाती है। इस पाठ मे नफ़्ल उपवास के उदाहरण बताये जायेंगे।

कई बार नया मुसलमान रमज़ान (9वें इस्लामी महीना) के पूरे महीने में उपवास रखने को लेकर चिंतित रहता है। स्वैच्छिक उपवास करना रमजान आने से पहले पुरस्कार अर्जित करते हुए उपवास का अभ्यास करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है। साथ ही यह याद रखना चाहिए कि खुद पर बोझ नही डालना है, बल्कि लापरवाह हुए बिना इसे धीरे-धीरे करना है।

सबसे महत्वपूर्ण नफ्ल उपवास

1. शव्वाल के महीने में छह दिन (रमजान के बाद का महीना या 10वां इस्लामी महीना)

पैगंबर ने कहा,

“जो कोई रमज़ान के महीने में उपवास रखता है और फिर शव्वाल के छह दिनों मे भी उपवास करता है, तो उसे इनाम दिया जाएगा जैसे कि उसने पूरे साल उपवास रखा है।”[1]

विशिष्ट रूप से ईद या ईद-उल-फ़ित्र के दिन उपवास करना मना है। ये छह रोजे आप ईद के दिन के बाद कभी भी रख सकते हैं और इन्हें लगातार रखने की जरूरत नहीं है। आप चाहें तो इन्हें अलग-अलग दिनों मे रख सकते हैं, बस शर्त ये है की ये सभी शव्वाल के महीने में पुरे होने चाहिए।

2. ज़िल-हिज्जा (12वां इस्लामी महीना) के नौवें दिन का उपवास

इस्लामी महीना जिसमे हज किया जाता है उसे ज़िल-हिज्जा कहते हैं। यौम उल-अराफा या "अराफा का दिन" उस महीने का नौवां दिन है।

हज यात्रा नहीं करने वालों को इस दिन उपवास करने की सलाह दी जाती है क्योंकि अल्लाह के दूत ने कहा: "अराफा के दिन का उपवास दो वर्षो के लिए एक प्रायश्चित है, इससे पहले का वर्ष और इसके बाद का वर्ष।[2]

3. इस्लामी महीने मुहर्रम (पहला इस्लामी महीना) के दसवें दिन उपवास

मुहर्रम इस्लामी चंद्र कैलेंडर का पहला महीना है। इस महीने के दसवें दिन का एक विशेष नाम है - "आशूरा।" इस दिन उपवास करने पर क्या मिलता है? पैगंबर ने हमें बताया,

“अशूरा के दिन का उपवास पिछले वर्ष के लिए एक प्रायश्चित है।”[3]

4. सोमवार और गुरुवार का उपवास

पैगंबर मुहम्मद के करीबी साथी अबू हुरैरा ने बताया कि पैगंबर सोमवार और गुरुवार को उपवास करते थे। इसके बारे में पूछे जाने पर, पैगंबर (उन पर अल्लाह की दया और आशीर्वाद हो) ने कहा: "कर्म प्रत्येक सोमवार और गुरुवार को प्रस्तुत किए जाते हैं। अल्लाह एक-दूसरे का बहिष्कार करने वालों को छोड़कर हर मुसलमान या हर विश्वासी को माफ कर देता है। पैगंबर उनके बारे मे कहते हैं: 'उन्हें छोड़ दो।[4]

जब पैगंबर से सोमवार को उपवास के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा : "यही वह दिन है जिस दिन मैं पैदा हुआ था और जिस दिन मुझे रहस्योद्घाटन प्राप्त हुआ था।”[5]

5. शाबान (8वां इस्लामी महीना) के महीने के अधिकांश दिनों में उपवास

रमजान से पहले आने वाले इस्लामी महीने को शाबान कहते हैं। पैगंबर शाबान महीने के अधिकांश दिनों मे उपवास करते थे।

पैगंबर की पत्नी आयशा ने कहा: "मैंने रमजान के अलावा कभी भी अल्लाह के दूत को पूरे महीने का उपवास रखते नही देखा, और मैंने उन्हें एक महीने मे उतने अधिक उपवास करते हुए कभी नहीं देखा, जितना वो शाबान में करते थे।”[6]

रमजान के उपवास और स्वैच्छिक उपवासों के बीच अंतर

1. स्वैच्छिक उपवास का इरादा दिन के दौरान किया जा सकता है

मान लें कि आपने सुबह उठकर फज्र की नमाज पढ़ी। उस दिन उपवास करने का आपका इरादा नहीं था और आपने कुछ भी नहीं खाया, पीया, संभोग नहीं किया, या ऐसा कुछ भी नहीं किया जिससे किसी व्यक्ति का उपवास टूटता है।

बाद मे दिन में, आप स्वैच्छिक उपवास का इरादा कर सकते हैं यदि आपने उन चीजों में से कुछ भी नहीं किया है जिससे उपवास टूटता है। यह आयशा की हदीस पर आधारित है : "पैगंबर एक दिन हमारे पास आए और कहा: 'क्या आपके पास कुछ (भोजन) है?' हमने कहा, 'नहीं।' उन्होंने कहा: 'फिर, मैं आज उपवास कर रहा हूं।[7]

अगले दिन रमज़ान का उपवास रखने के लिए आपको पिछली रात उपवास रखने का इरादा करना होगा।

2. जो व्यक्ति स्वैछिक उपवास कर रहा है, उसे उपवास तोड़ने की अनुमति है

पैगंबर ने कहा: "जो स्वेच्छा से उपवास करता है वह स्वयं का मालिक है। आप चाहें तो उपवास रख सकते हैं और चाहें तो उपवास तोड़ सकते हैं।[8]

अबू सईद अल-खुदरी ने कहा: "मैंने पैगंबर के लिए खाना तैयार किया। वह अपने कुछ साथियों के साथ मेरे पास आये। जब भोजन रखा गया, तो उनमें से एक ने कहा: 'मैंने उपवास रखा हुआ है।' अल्लाह के दूत ने कहा: 'आपके भाई ने आपको आमंत्रित किया है और आपके लिए खर्च किया है।' फिर पैगंबर ने उससे कहा, 'अपना उपवास तोड़ दो और यदि तुम चाहो तो इसके बदले किसी और दिन उपवास कर लेना।’ “[9]

दूसरी ओर, रमज़ान के महीने में बिना किसी वैध कारण के उपवास तोड़ना एक गंभीर पाप है, भले ही व्यक्ति इसे बाद में पूरा कर ले।



फुटनोट:

[1] सहीह मुस्लिम

[2] सहीह मुस्लिम

[3] सहीह मुस्लिम

[4] मुसनद

[5] सहीह मुस्लिम

[6] सहीह अल-बुखारी, सहीह मुस्लिम

[7] सहीह मुस्लिम, अबू दाऊद

[8] मुसनद

[9] बैहाकी

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