Date: Wed, 29 Nov 2023 22:07:49 +0300 Return-Path: support@newmuslims.com From: =?iso-8859-1?B?TmV3TXVzbGltLmNvbSDgpLjgpLLgpL7gpLkg4KS44KWH4KS14KS+?= Message-ID: <325f18fc289f5ce4dc9b7f25ade39fb7@www.newmuslims.com> X-Priority: 3 X-Mailer: PHPMailer [version 1.73] X-Original-Sender-IP: 44.212.94.18 MIME-Version: 1.0 Content-Type: multipart/alternative; boundary="b1_325f18fc289f5ce4dc9b7f25ade39fb7" --b1_325f18fc289f5ce4dc9b7f25ade39fb7 Content-Type: text/plain; charset = "iso-8859-1" Content-Transfer-Encoding: 8bit स्तर 6 :: Lesson 4 झूठ बोलना, चुगली करना और झूठी निंदा करना (2 का भाग 2) विवरण: यह पाठ इस्लाम में चुगली करने और झूठी निंदा करने के बारे मे बताता है। द्वारा Imam Mufti (© 2013 NewMuslims.com) प्रकाशितहुआ 08 Nov 2022 - अंतिम बार संशोधित 07 Nov 2022 प्रिंट किया गया: 18 - ईमेल भेजा गया: 0 - देखा गया: 761 (दैनिक औसत: 2) श्रेणी: पाठ > इस्लामी जीवन शैली, नैतिकता और व्यवहार > सामान्य नैतिकता और व्यवहार उद्देश्य · चुगली और झूठी निंदा की परिभाषा और उनके बीच अंतर जानना। · यह समझना कि हम गप-शप क्यों करते हैं। · चुगली के इस्लामी निषेध को समझना। · समझना कि कब चुगली की अनुमति है। इस्लाम शांति, प्रेम और करुणा का धर्म है जो हमें सिखाता है कि हमें दूसरों के सम्मान, प्रतिष्ठा और निजता का सम्मान करना चाहिए। झूठ, संदेह, चुगली, झूठी निंदा और गपशप विनाशकारी प्रमुख पाप हैं जो इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ है और मुसलमानों के बीच दुश्मनी और विरोध बोते हैं। ये परिवार के सदस्यों, पड़ोसियों और दोस्तों के बीच शत्रुता का कारण बनते हैं। इसलिए, इस्लाम इन्हे स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है और सख्त शब्दों में प्रतिबंधित करता है। चुगली और झूठी निंदा वास्तव में क्या है? हमारे पैगंबर ने इन्हे स्पष्ट रूप से समझाया है। एक बार उन्होंने अपने साथियों से पूछा: “क्या आप जानते हैं कि चुगली क्या है?" साथियो ने कहा, "अल्लाह और उसके दूत बेहतर जानते हैं।" पैगंबर ने कहा, "अपने भाई के बारे में कुछ कहना जो उसे नापसंद है।" यह पूछा गया, "क्या होगा यदि मैं अपने भाई के बारे में जो कहूं वह सच हो?" पैगंबर ने कहा, "यदि आप जो कहते हैं वह सच है तो आपने उसकी चुगली की है, और यदि यह सच नहीं है, तो आपने उसे बदनाम किया है।“ (सहीह मुस्लिम) ‘चुगली का मतलब है कि व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के बारे में उसके पीठ पीछे कुछ ऐसा कहता है जो सत्य है।’ (सिलसिला अस-सहिहा) चेहरे के नकारात्मक भाव या हाथ के इशारों से लोगों का मज़ाक उड़ाना भी चुगली का एक रूप है। हम गपशप और चुगली क्यों करते हैं? · अपने सीने का बोझ हटाने के लिए खासकर नफरत के मामले में। · दोस्तों के समूह में शामिल होने के लिए। · अपनी श्रेष्ठता दिखाने और दूसरों को नीचा दिखाने के लिए। · मजाकिया व्यवहार और मजाक करने के लिए। · ईर्ष्या या क्रोध से। · किसी के प्रति तरस खा कर। · बोरियत दूर करने के लिए। · दूसरों को प्रभावित करने के लिए। · अहंकार से। चुगली का सख्त निषेध अल्लाह ने क़ुरआन में चुगली की तुलना नरभक्षण के घृणित कार्य से की और उसे निषेध बना दिया: “ऐ विश्वासिओं! बचो अधिकांश गुमानों से। वास्व में, कुछ गुमान पाप हैं और किसी का भेद न लो और न एक-दूसरे की ग़ीबत करो। क्या चाहेगा तुममें से कोई अपने भाई कामांस खाना?अतः, तुम्हें इससे घृणा होगी तथा अल्लाह से डरते रहो। वास्तव में, अल्लाह अति दयावान्, क्षमावान् है।" (क़ुरआन 49:12) कई बार हम बिना ज्यादा सोचे-समझे दूसरों के बारे में चुगली और गपशप करते हैं। हम इसे हल्के में लेते हैं, हालांकि, अल्लाह हमें याद दिलाता है कि वास्तव में यह अल्लाह की दृष्टि में एक गंभीर पाप है! क़ुरआन कहता है: "जबकि (बिना सोचे) तुम अपनी ज़बानों पर इसे लाने लगे और अपने मुखों से वह बात कहने लगे, जिसका तुम्हें कोई ज्ञान न था तथा तुम इसे सरल समझ रहे थे, जबकि अल्लाह के के समीप ये बहुत बड़ी बात थी।" (क़ुरआन 24:15) बहुत से लोग अफवाह फैलाने में इतने मशगूल होते हैं कि कुछ सुनने के बाद यह सोचने के लिए एक मिनट भी नहीं रुकते कि यह सच है या नहीं। अल्लाह कहता है: "और क्यों नहीं जब तुमने इसे सुना, तो कह दिया कि हमारे लिए योग्य नहीं कि ये बात बोलें? ऐ अल्लाह! तू पवित्र है! ये तो बहुत बड़ा आरोप है" (क़ुरआन 24:16) हमें अपनी जुबान फिसलने से सावधान रहने की जरूरत है। पैगंबर मुहम्मद ने कहा: "जब व्यक्ति हर दिन सुबह उठता है, तो उसके शरीर के सभी अंग उसकी जीभ को यह कहते हुए चेतावनी देते हैं: 'हमारे संबंध में अल्लाह से डरो, क्योंकि हम तुम्हारी दया के अधीन हैं; यदि तुम सीधे हो, तो हम सीधे होंगे, और यदि तुम भ्रष्ट हो, तो हम भ्रष्ट हो जाएंगे।'” (तिर्मिज़ी) अपनी ज़ुबान पर लगाम लगाने का इनाम स्वर्ग है। पैगंबर मुहम्मद ने कहा: "जो अपनी जीभ को गलत बयानों से और अपने निजी अंगों को अवैध संभोग से बचाता है, मैं उसके स्वर्ग जाने की गारंटी लूंगा।" (सहीह अल-बुखारी, सहीह मुस्लिम) गपशप सुनने का निषेध हमें उस गपशप पर ध्यान नहीं देना चाहिए जिसमे एक साथी मुस्लिम की आलोचना हो रही हो या इसे आनंद के साथ नही सुनना चाहिए और न ही अधिक सुनने की आशा करनी चाहिए। अल्लाह कहता है, "और ऐसी बात के पीछे न पड़ो, जिसका तुम्हें कोई ज्ञान न हो, निश्चय कान तथा आंख और दिल, इन सबके बारे में (प्रलय के दिन) प्रश्न किया जायेगा” (क़ुरआन 17:36)। पैगंबर ने कहा, "जो कोई अपने भाई के सम्मान की रक्षा करता है, अल्लाह पुनरुत्थान के दिन आग से उसके चेहरे की रक्षा करेगा।" (सिलसिला अस-सहिहा) हमें अपने पैगंबर द्वारा हमारे लिए परिभाषित सर्वश्रेष्ठ मुस्लिम के गुणों को याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा, "यह वही है जिससे मुसलमान अपनी जीभ और हाथों की बुराई से सुरक्षित है।" (सहीह मुस्लिम) चुगली की अनुमति कब है? इस्लाम हमें सिखाता है कि अगर हमारी मौजूदगी में लोगों का उपहास उड़ाया जा रहा है या चुगली की जा रही है, तो हमें उनके सम्मान की रक्षा करनी चाहिए। यदि हम ऐसा नही करते हैं, तो हम खुद को अल्लाह की आवश्यक सहायता और दया से वंचित करने का जोखिम उठाते हैं। फिर भी, कुछ परिस्थितियां हमें दूसरों को यह बताने की अनुमति देती हैं कि किसी ने क्या किया है। 1. किसी ऐसे व्यक्ति से शिकायत करना जो अन्याय होने पर गलत को संबोधित कर सके। 2. एक मुस्लिम विद्वान से धार्मिक मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए। 3. किसी गलत को बदलने या किसी आपदा को रोकने में सहायता प्राप्त करने के लिए। 4. विवाह, व्यवसाय आदि मामलों में परामर्श लेने के लिए या दूसरी जगह शिफ्ट होने से पहले वहां के पड़ोसी के बारे में पूछने के लिए। इन मामलों मे हमें व्यक्ति के बारे में केवल उतना ही बताने की अनुमति है जितना आवश्यक है। 'चुगली' के इन सभी रूपों की अनुमति है। इस लेख का वेब पता:https://www.newmuslims.com/hi/lessons/187/कॉपीराइट © 2011-2022 NewMuslims.com. सर्वाधिकार सुरक्षित। --b1_325f18fc289f5ce4dc9b7f25ade39fb7 Content-Type: text/html; charset = "iso-8859-1" Content-Transfer-Encoding: 8bit

झूठ बोलना, चुगली करना और झूठी निंदा करना (2 का भाग 2)

विवरण: यह पाठ इस्लाम में चुगली करने और झूठी निंदा करने के बारे मे बताता है।

द्वारा Imam Mufti (© 2013 NewMuslims.com)

प्रकाशित हुआ 08 Nov 2022 - अंतिम बार संशोधित 07 Nov 2022

प्रिंट किया गया: 18 - ईमेल भेजा गया: 0 - देखा गया: 761 (दैनिक औसत: 2)

श्रेणी: पाठ > इस्लामी जीवन शैली, नैतिकता और व्यवहार > सामान्य नैतिकता और व्यवहार


उद्देश्य

·       चुगली और झूठी निंदा की परिभाषा और उनके बीच अंतर जानना।

·       यह समझना कि हम गप-शप क्यों करते हैं।

·       चुगली के इस्लामी निषेध को समझना।

·       समझना कि कब चुगली की अनुमति है।

इस्लाम शांति, प्रेम और करुणा का धर्म है जो हमें सिखाता है कि हमें दूसरों के सम्मान, प्रतिष्ठा और निजता का सम्मान करना चाहिए। झूठ, संदेह, चुगली, झूठी निंदा और गपशप विनाशकारी प्रमुख पाप हैं जो इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ है और मुसलमानों के बीच दुश्मनी और विरोध बोते हैं। ये परिवार के सदस्यों, पड़ोसियों और दोस्तों के बीच शत्रुता का कारण बनते हैं। इसलिए, इस्लाम इन्हे स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है और सख्त शब्दों में प्रतिबंधित करता है।

चुगली और झूठी निंदा वास्तव में क्या है?

हमारे पैगंबर ने इन्हे स्पष्ट रूप से समझाया है। एक बार उन्होंने अपने साथियों से पूछा:

“क्या आप जानते हैं कि चुगली क्या है?" साथियो ने कहा, "अल्लाह और उसके दूत बेहतर जानते हैं।" पैगंबर ने कहा, "अपने भाई के बारे में कुछ कहना जो उसे नापसंद है।" यह पूछा गया, "क्या होगा यदि मैं अपने भाई के बारे में जो कहूं वह सच हो?" पैगंबर ने कहा, "यदि आप जो कहते हैं वह सच है तो आपने उसकी चुगली की है, और यदि यह सच नहीं है, तो आपने उसे बदनाम किया है।“ (सहीह मुस्लिम)

‘चुगली का मतलब है कि व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के बारे में उसके पीठ पीछे कुछ ऐसा कहता है जो सत्य है।’ (सिलसिला अस-सहिहा)

चेहरे के नकारात्मक भाव या हाथ के इशारों से लोगों का मज़ाक उड़ाना भी चुगली का एक रूप है।

हम गपशप और चुगली क्यों करते हैं?

·       अपने सीने का बोझ हटाने के लिए खासकर नफरत के मामले में।

·       दोस्तों के समूह में शामिल होने के लिए।

·       अपनी श्रेष्ठता दिखाने और दूसरों को नीचा दिखाने के लिए।

·       मजाकिया व्यवहार और मजाक करने के लिए।

·       ईर्ष्या या क्रोध से।

·       किसी के प्रति तरस खा कर।

·       बोरियत दूर करने के लिए।

·       दूसरों को प्रभावित करने के लिए।

·       अहंकार से।

चुगली का सख्त निषेध

अल्लाह ने क़ुरआन में चुगली की तुलना नरभक्षण के घृणित कार्य से की और उसे निषेध बना दिया: “ऐ विश्वासिओं! बचो अधिकांश गुमानों से। वास्व में, कुछ गुमान पाप हैं और किसी का भेद न लो और न एक-दूसरे की ग़ीबत करो। क्या चाहेगा तुममें से कोई अपने भाई का मांस खाना? अतः, तुम्हें इससे घृणा होगी तथा अल्लाह से डरते रहो। वास्तव में, अल्लाह अति दयावान्, क्षमावान् है।" (क़ुरआन 49:12)

कई बार हम बिना ज्यादा सोचे-समझे दूसरों के बारे में चुगली और गपशप करते हैं। हम इसे हल्के में लेते हैं, हालांकि, अल्लाह हमें याद दिलाता है कि वास्तव में यह अल्लाह की दृष्टि में एक गंभीर पाप है! क़ुरआन कहता है: "जबकि (बिना सोचे) तुम अपनी ज़बानों पर इसे लाने लगे और अपने मुखों से वह बात कहने लगे, जिसका तुम्हें कोई ज्ञान न था तथा तुम इसे सरल समझ रहे थे, जबकि अल्लाह के के समीप ये बहुत बड़ी बात थी।" (क़ुरआन 24:15)

बहुत से लोग अफवाह फैलाने में इतने मशगूल होते हैं कि कुछ सुनने के बाद यह सोचने के लिए एक मिनट भी नहीं रुकते कि यह सच है या नहीं। अल्लाह कहता है: "और क्यों नहीं जब तुमने इसे सुना, तो कह दिया कि हमारे लिए योग्य नहीं कि ये बात बोलें? ऐ अल्लाह! तू पवित्र है! ये तो बहुत बड़ा आरोप है" (क़ुरआन 24:16)

हमें अपनी जुबान फिसलने से सावधान रहने की जरूरत है। पैगंबर मुहम्मद ने कहा: "जब व्यक्ति हर दिन सुबह उठता है, तो उसके शरीर के सभी अंग उसकी जीभ को यह कहते हुए चेतावनी देते हैं: 'हमारे संबंध में अल्लाह से डरो, क्योंकि हम तुम्हारी दया के अधीन हैं; यदि तुम सीधे हो, तो हम सीधे होंगे, और यदि तुम भ्रष्ट हो, तो हम भ्रष्ट हो जाएंगे।'” (तिर्मिज़ी)

अपनी ज़ुबान पर लगाम लगाने का इनाम स्वर्ग है। पैगंबर मुहम्मद ने कहा: "जो अपनी जीभ को गलत बयानों से और अपने निजी अंगों को अवैध संभोग से बचाता है, मैं उसके स्वर्ग जाने की गारंटी लूंगा।" (सहीह अल-बुखारी, सहीह मुस्लिम)

गपशप सुनने का निषेध

हमें उस गपशप पर ध्यान नहीं देना चाहिए जिसमे एक साथी मुस्लिम की आलोचना हो रही हो या इसे आनंद के साथ नही सुनना चाहिए और न ही अधिक सुनने की आशा करनी चाहिए। अल्लाह कहता है, "और ऐसी बात के पीछे न पड़ो, जिसका तुम्हें कोई ज्ञान न हो, निश्चय कान तथा आंख और दिल, इन सबके बारे में (प्रलय के दिन) प्रश्न किया जायेगा” (क़ुरआन 17:36)। पैगंबर ने कहा, "जो कोई अपने भाई के सम्मान की रक्षा करता है, अल्लाह पुनरुत्थान के दिन आग से उसके चेहरे की रक्षा करेगा।" (सिलसिला अस-सहिहा)

हमें अपने पैगंबर द्वारा हमारे लिए परिभाषित सर्वश्रेष्ठ मुस्लिम के गुणों को याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा, "यह वही है जिससे मुसलमान अपनी जीभ और हाथों की बुराई से सुरक्षित है।" (सहीह मुस्लिम)

चुगली की अनुमति कब है?

इस्लाम हमें सिखाता है कि अगर हमारी मौजूदगी में लोगों का उपहास उड़ाया जा रहा है या चुगली की जा रही है, तो हमें उनके सम्मान की रक्षा करनी चाहिए। यदि हम ऐसा नही करते हैं, तो हम खुद को अल्लाह की आवश्यक सहायता और दया से वंचित करने का जोखिम उठाते हैं। फिर भी, कुछ परिस्थितियां हमें दूसरों को यह बताने की अनुमति देती हैं कि किसी ने क्या किया है।

1.     किसी ऐसे व्यक्ति से शिकायत करना जो अन्याय होने पर गलत को संबोधित कर सके।

2.     एक मुस्लिम विद्वान से धार्मिक मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए।

3.     किसी गलत को बदलने या किसी आपदा को रोकने में सहायता प्राप्त करने के लिए।

4.     विवाह, व्यवसाय आदि मामलों में परामर्श लेने के लिए या दूसरी जगह शिफ्ट होने से पहले वहां के पड़ोसी के बारे में पूछने के लिए।

इन मामलों मे हमें व्यक्ति के बारे में केवल उतना ही बताने की अनुमति है जितना आवश्यक है। 'चुगली' के इन सभी रूपों की अनुमति है।

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